Sunday 1 March 2009

नज़्म

आसमान ने सितारों भरी ओढ़ के चादर
ज़मी का हाथ पकड़ कहा ! चलो मेरी जान
अपनी औलाद जिसे दुनिया कहती है इंसान
उसकी खुशियों के वास्ते आओ दुआ माँगे ।

सारे संसार की हर एक ख़ुशी उन्हें देना मेरे मौला
उनके सपनों को ताबीर हासील हो किसी भी हाल
उनकी दौलत , शोहरत , इज्ज़्त में हो खूब इजाफा
उनकी हर ख़्वाहिश को साकार बनाए नया साल
दीपक' तेरी देहरी में जलातें हैं ऐ ! जगतारक
औलादें सब कुदरत की सबको नया साल मुबारक़ ॥

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